Singer Kalpana Patwari Efforts Bring Results Sangeet Natak Academy Organises Big Event

भिखारी ठाकुर पर कल्पना का शोध रंग लाया

संगीत नाटक अकादमी ने किया बड़ा आयोजन

गायिका कल्पना पटवारी ने भोजपुरी के लिए जो त्याग किया, तपस्या की, वह अतुलनीय है। तीन दर्जन भाषाओं में गा चुकी कल्पना ने जंग खाती भोजपुरी को तीक्ष्ण धार देने का प्रण लिया, यह त्याग किया। चकाचौंध भरे कैरियर को विराम देकर भोजपुरी के स्वर्णिम इतिहास को प्रतिष्ठित करने  हेतु लगी रहीं, यह तपस्या की। बिन साधन की साधना को सफलीभूत कर कल्पना ने पूर्वांचल की आंचलिकता को पंख लगा दिया। आज की यह उड़ान उसी प्रयास का मूर्त रूप है।

संगीत नाटक अकादमी, नयी दिल्ली द्वारा भोजपुरी गीत, संगीत, साहित्य के पुरोधा पुरूष भिखारी ठाकुर का सम्मान  कल्पना पटवारी द्वारा किए गए प्रयासों का प्रतिफल है। असम कन्या कल्पना भोजपुरी की फसल काटनेवालों के लिए मिसाल बन गई। सन् 2015 की बात है, जब कल्पना पटवारी ने एम टीवी के कोक स्टूडियो मंच पर बिरहा गाकर भोजपुरी को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलायी। इस उपलब्धि में कल्पना के पति  परवेज़ पटवारी का सहयोग अमूल्य रहा।  प्रथम बार भारत सरकार की सरकारी संस्था  (संगीत नाटक अकादमी) ने भोजपुरी को अपने एजेंडे में शामिल किया है।

कल्पना पटवारी पंद्रह वर्ष से भोजपुरी में लगी हुई हैं। भिखारी ठाकुर के गीतों को नये आयाम देकर जन जनतक पहुचाने में इनका योगदान स्मरणीय रहेगा। ‘बेटी बेचवा’, ‘बिदेसिया’, ‘गबरघिचोर’ को लोग भूल चुके थे। भिखारी ठाकुर की एक सर्वप्रिय गीति नाट्य “गंगा स्नान” पर वह काम कर रही हैं और इसे गंगा गान के रूप में प्रतिष्ठित करने हेतु प्रयासरत हैं। भारतीय जैज़ संगीत के सर्जक कहे जानेवाले लुई बैंक्स इस प्रोजेक्ट में इनके साथ हैं। इस गीत को बिग बी (अमिताभ बच्चन) के स्वर में रिकॉर्ड करने की भी मंशा है। विस्मृत पड़ती जा रही सोंठी,  बिरहा, सोहर, मंगल गीत, जन्म गीत, संस्कार गीत सब को अपने मंचीय कार्यक्रमों की शान बनानेवाली इस मूर्द्धन्य गायिका ने अपना मूल्यवान समय भोजपुरी के शोध, संवर्द्धन में लगा दिया।

भिखारी ठाकुर को प्रायः दो अवसरों पर याद किया जाता है। पहला जन्म दिवस 18 दिसम्बर और दूसरा देहावसान दिवस अर्थात 23 अप्रैल। लेकिन, कल्पना के मन प्राण में तो भिखारी (ठाकुर) और भूपेन (हजारिका) बसते हैं। भला उनको कैसे विस्मृत कर सकती हैं !? वह भिखारी ठाकुर के पैतृक गांव कुतुब पुर (छपरा, बिहार) भी घूम आती हैं । एक ओर वह लंदन यात्रा के दौरान शेक्सपीयर का घर देखने यह सोचकर जाती हैं कि अपने इस भोजपुरी साधक के गांव को, घर को क्या क्या रूप दिया जा सकता है।   भोजपुरी को कई राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिलब्ध मंच पर प्रतिष्ठित करने का श्रेय भी कल्पना पटवारी को ही जाता है। एन. एच. 7 वीकेंडर (कोलकाता, बंगलोर, पुणे, मुंबई से संचालित), सुला फेस्टिवल (पुणे), जोधपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल,  राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, जयपुर, पैडी फील्ड्स (नेस्को द्वारा संचालित),  मेला फेस्ट (नॉर्वे), फ्रॉग फेस्ट (मुंबई) आदि कुछ वैैसे ही मंच हैं जहाँ वह भोजपुरी में विलक्षण प्रस्तुतियां कर चुकी हैं।

कल्पना पटवारी के नये शोध अलबम ”लीगेसी ऑफ भिखारी ठाकुर” का गोबुज डॉट कॉम पर रिलीज होना सबसे बड़ा सम्मान है। यह डिजिटल वर्ल्ड का वह प्लेटफार्म है, जहाँ से बीटल, मैडोना के गाने रिलीज होते हैं। इससे भी बड़ा सम्मान अप्रैल 2018 में ऑस्ट्रेलिया सरकार प्रदान करने जा रही है। क्वींसलैंड में आयोजित हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में परफॉर्म करने के लिए कल्पना आमंत्रित हैं। यह सम्मान भोजपुरी को वैश्विक मंच प्रदान करने के कल्पना के  सराहनीय कदम की सुखद परिणति है और अनुसरणीय है।  —–Uday Bhagat (PRO)