Jantantrik  Lokhit Party Celebrates Sardar Patel’s Birthday as Ekta Divas who built the country in the form of unity : Anil Kumar

जनतांत्रिक लोकहित पार्टी ने एकता दिवस के रूप में मनाया सरदार पटेल की जयंती देश को एकता के सूत्र में बांधने वाले बेजोड़ शिल्‍पी थे सरदार पटेल : अनिल कुमार

5 नवंबर 2017: देश के प्रथम गृह मंत्री लौह पुरूष सरदार वल्‍लभ भाई पटेल को स्‍मृतिशेष आज जनतांत्रिक लोकहित पार्टी (जलोपा) ने उनकी जन्‍म जयंती एकता दिवस के रूप में मनाया। इस दौरान पार्टी के संस्‍थापक सह प्रदेश अध्‍यक्ष श्री अनिल कुमार ने दिनारा उच्‍च विद्यालय, रोहतास में आयोजित भव्‍य समारोह में सरदार पटेल को याद करते हुए कहा कि वे देश को एकता के सूत्र में बांधने वाले बेजोड शिल्‍प कार थे, जिन्‍होंने अखंड भारत का सपना देखा और उसे पूरा किया। उनमें विस्‍मार्क जैसी संगठन क्षमता, कौटिल्‍य जैसी राजनीतिक सूझबूझ और अब्राहम लिंकन जैसी राष्‍ट्रीय एकता के प्रति अटूट निष्‍ठा थी। उन्‍होंने देश को बिना खून – खराबे के करीब छह सौ अलग – अलग देशी रियासतों को विलय करा कर एक झंडे के नीचे लाया। ऐसे महापुरूष को जलोपा नमन करती है।

उन्‍होंने सरदार पटेल के व्‍यक्तित्‍व और कृतित्‍व की चर्चा करते हुए कहा कि वे समकालीन नेताओं में सबसे ज्‍यादा दूरदर्शी थे। तत्‍कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उनकी सलाहों को विश्‍व नेता की अपनी छवि बनाने के चक्‍कर में अगर नहीं ठुकराया होता तो आज न चीन हमारे हजारों वर्गमील भू – भाग पर कब्‍जा करता और न अरूणाचल पर पर्दा ठोंकता रहता। कश्‍मीर समस्‍या भी पैदा नहीं होती। सैनिकों को रोज अपने जानों की आहूति नहीं देनी पड़ती। उन्‍होंने कहा कि सरकार पटेल, प्रधानमंत्री बन गए होते तो देश के किसानों, मजदूरों और युवकों को दुर्दिन का समाना नहीं करना पड़ता। भारत इतना संपन्‍न और शक्तिशाली होता कि दूसरों को इसकी ओर आंख उठाकर देखने की हिम्‍मत होती।

श्री कुमार ने देश की वर्तमान सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक हालातों पर चर्चा करते हुए कहा कि आज देश की स्थिति अत्‍यंत भयावह है। राजनेताओं की करतूत के कारण समाज के विभिन्‍न वर्गों के बीच अविश्‍वास बढ़ रहा है। लोग नेताओं को शक की निगाह से देखने लगे हैं। गरीबी और अमीरी के बीच की खाई बढती जा रही है। किसान कर्ज तले आत्‍म हत्‍या करने को मजबूर हैं। युवा रोजगार के अभाव में गलत रास्‍ता चुनने को मजबूर हें। सरकार चाहे केंद्र की हो या राज्‍य की लोगों को मूलभूत सुविधायें रोटी, कपडा और मकान उपलब्‍ध कराने के बजाय स्‍वार्थ सिद्धि के लिए उनमें जातीय एवं सांप्रदायिक भावना भड़का रहे हैं।

उन्‍होंने कहा कि ऐसी घोर निराशा की घड़ी में सरदार पटेल साहब के आदर्श और विचार अधिक प्रासंगिक हो गए हैं। उनको आत्‍म सात कर उनपर चलने से ही निराशा का अंधेरा दूर होगा। इस अवसर पर जलोपा के वरीय उपाध्‍यक्ष संजय मंडल, महिला अध्‍यक्ष डॉ स्मिता शर्मा, उपाध्‍यक्ष सुखदेव यादव, सुनिल सिंह, प्रदेश कार्यकारिणी के बद्री विशाल सिंह, रोहतास जिला अध्‍यक्ष जगत नारायण सिंह, बक्‍सर महिला जिला प्रकोष्‍ठ अध्‍यक्ष कुशावती देवी व पटेल विचार मंच के लोगों ने भी लौह पुरूष सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके विचारों को आत्‍मसात करने पर बल दिया। इस दौरान बड़ी संख्‍या में मौजूद लोगों ने सरदार पटेल के सपनों का भारत बनाने का संकल्‍प लिया।